
मानव जीवन अखिल ब्रहमाण्ड की संरचना में विभिन्न तत्वों के सम्मिश्रण का प्रतिफल है, जिसे शिक्षा-दीक्षा के साथ संस्कारिक व परिष्कृत करने का गुरुत्तर दायित्व समाज द्वारा महाविद्यालय व विश्वविद्यालय हेतु सुनिश्चित है। निश्चय ही शिक्षा/उच्च शिक्षा का ध्येय मात्र कागज़ का एक टुकड़ा प्राप्त करना ही नहीं वरन, शिक्षा के उस सुन्दर आदर्श की सम्भावना है जो कार्य कुशलता के साथ जीवन का अवलम्ब बन सके – एक सभ्य सुसंस्कृत राष्ट्र के लिए कीर्ति प्रदायी हो।
विभिन्न कालखण्डों में विभाजित मानव इतिहास पर यदि दृष्टिगत करें तो ज्ञात होगा कि सबके मूल में मानव ‘स्व’ भाव है जिसका सम्यक विकास समय के साथ आवश्यक ही नहीं आवश्यम्भावी भी है। तकनीकी युग के हर पल अपडेट होते हुए जीवन में विज्ञान व तकनीक के साथ ज्ञान और कर्म का संतुलन हो, इसके लिए शिक्षा के साथ दीक्षा अनिवार्य है। कोविड-19 के कारण समाज जिस संकट के दौर से गुजर रहा था उसको देखते हुए महाविद्यालय की तरफ से गरीबों एवं असहायों को राशन एंव दवा का वितरण किया।
इस्लामिया कालेज आफ कामर्स का प्रबन्ध तंत्र उच्च शिक्षा के क्षेत्र में युवा वर्ग को प्रतिस्पर्धापरक उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है। इस क्रम में महाविद्यालय प्रबन्ध तंत्र बी0काम0/एम0काम0/बी0एस-सी0 (जीव विज्ञान एंव गणित )/एम0एस-सी0 (वनस्पति विज्ञान ) तथा बी0सी0ए0 पाठ्यक्रम के साथ-साथ गीडा में ‘बी’ फार्म एंव ‘डी’ फार्म का भी संचालन करती है एवं नवीन पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए कटिबद्ध है। बुद्धि के विकास के साथ-साथ विद्यार्थियों में सर्वांगीण विकास को लेकर चलना इसका मुख्य उद्देश्य है। महाविद्यालय का प्रबन्ध तंत्र शिक्षार्थियों से यह अपेक्षा रखता है कि यहाँ शिक्षित होने वाले प्रत्येक छात्र समाजिक उत्तरदायित्वों के साथ-साथ परिवारिक और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करेगा।
